सरसों का भविष्य 2025: एक बार फिर होगी सरसों 8000 रु पार,जानिए सरसों का भविष्य
सरसों का भविष्य 2025: किसान भारत देश के लिए गौरव है। भारत देश एक कृषि प्रधान देश है यहां पर भारत देश के कई किसान खेती करते हैं और संपूर्ण भारत देश का लालन पालन करते हैं लेकिन किसानों के हित में भारत सरकार ने कई योजना निकाली है जिससे किसानों को खेती करने में आसानी हो इसके साथ ही किसानों द्वारा उगाई जाने वाली फसलों के भाव में भी आए दिन सरकार उठा पटक करती रहती है। यही हम बात करेंगे सरसों के भाव के बारे में तो भारत वर्ष में सरसों की फसल को ओलावृष्टि की मार झेलनी पड़ती थी जिसके कारण सरसों का भाव अभी तक कभी MSP से कहीं कम चल रहा है।
किसान सरसों की खेती करने के लिए काफी ज्यादा उत्साहित होते हैं इसकी दो वजह होती है पहले तो सरसों की खेती में काफी कम पानी की खपत होती है वह दूसरी इसमें लागत भी काफी कम लगती है। सरसों की फसल का उत्पादन नवंबर से दिसंबर माह के महीने में बोई जाती है वह मार्च अप्रैल के माह में काटी जाती है सरसों फसल के बारे में इतनी जानकारी काफी है चलिए अब मुद्दे की बात करते हैं कि आज का सरसों का भाव क्या है।
राजस्थान की मंदिरों में सरसों का हाल देखने को मिल रहा है कि अभी सरसों के भाव में हल्की तेजी देखने को मिल रही है मंडावरी मंडी में मस्टर्ड की कीमत 638 से लेकर 6489 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज की गई वहीं कोटा और सूरजगढ़ में कीमती एमएससी से काफी ज्यादा ऊपर चल रही है यह बढ़ते दाम इस बात का संकेत देते हैं कि आने वाले समय में किसानों की आय में वृद्धि होगी।
उत्तर प्रदेश और हरियाणा मैं सरसों की स्थिति
हम आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश की फतेहपुर सीकरी मंडी मैं सरसों का भाव 60159 रुपए से 6307 रुपए तक बिक रहा हरदोई और अलीगढ़ में भी किसान अपनी फसल के लिए बेहतर दाम का रहे हैं वहीं हरियाणा में स्थिति थोड़ी अलग है किसने की अपेक्षाकृत कम कीमत मिल रही है।
यदि हम अन्य राज्यों की बात करें तो मध्य प्रदेश और गुजरात के मंदिर में सरसों की कीमतें अभी भी औसत स्तर पर ही गोरखपुर और सीहोर जैसे क्षेत्रों में दाम एसपी के आसपास ही है हालांकि विशेषज्ञों का मानना जी की आने वाले सप्ताह तेजी देखा जा सकती है