सिकल सेल एनीमिया की जांच आवश्यक है : विधायक डॉ राजेंद्र पांडेय
रतलाम / रतलाम के डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे मेडिकल कॉलेज में विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर जिला स्तरीय स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविर का आयोजन बुधवार को हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेय, विधायक श्री मथुरालाल डामोर, कलेक्टर श्री राजेश बाथम, पद्मश्री डॉ. लीला जोशी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर रोगी कल्याण समिति सदस्य श्री हेमंत राहोरी, श्री गोविंद काकानी, मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अनीता मुथा, सीएमएचओ डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन डॉ. एम.एस. सागर, मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. प्रदीप मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार दुबे, सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्रीमती रंजनासिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री रजनीश सिंहा, जिला आयुष अधिकारी डॉ. आशीष राठौर, एमपीवीएचए की सदस्य श्रीमती मीना जैन आदि उपस्थित थे।
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इस अवसर पर विधायक डॉ. राजेंद्र पांडेय ने अपने उद्बोधन में सिकल सेल एनीमिया की जॉच की आवश्यकता बताई। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में आयोजित रक्तदान शिविर और मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय मे लोगों को मिल रहे स्वास्थ्य लाभ की प्रशंसा की। ग्रामीण विधायक श्री मथुरालाल डामोर ने कहा कि सभी चिकित्सक आमजन को उचित उपचार और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें और गरीबजन के प्रति विशेष सहानुभूति रखकर आवश्यक उपचार प्रदान करें। कलेक्टर श्री राजेश बाथम ने जिले में सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाने के लिए कहा। कलेक्टर ने कहा कि जिले में सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग का कार्य संतोषजनक है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आनंद चंदेलकर ने बताया कि रतलाम जिले में विशेष कर सैलाना, बाजना और रतलाम ग्रामीण क्षेत्र के जनजातीय अंचलों में विशेष ध्यान देकर सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग का कार्य किया जा रहा है। कार्य के दौरान पॉजिटिव पाए गए मरीजों की संख्या कम है, किंतु स्क्रीनिंग में लगातार बढ़ोतरी कर कार्य किया जाएगा। रोगी कल्याण समिति के सदस्य श्री गोविंद काकानी ने सिकल सेल एनीमिया, थैलेसीमिया आदि से पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान की आवश्यकता बताई।
कार्यक्रम में डॉक्टर जितेंद्र जायसवाल ने बताया कि सिकल सेल एनीमिया एक अनुवांशिक रोग है, इस रोग से बचाव के लिए विवाह से पहले रक्त की जांच आवश्यक रूप से कराना चाहिए। इससे पीड़ित मरीज की रक्त कोशिकाओं का आकार हसिए जैसा हो जाता है, जिसके कारण रक्त संचरण में बाधा होती है। इसके प्रमुख लक्षण खून की कमी, शरीर में लगातार कमजोरी, हाथ पैर में दर्द, सुजन, बार-बार बीमार होना आदि मुख्य है। ऐसे किसी भी लक्षण होने पर रक्त की जांच अवश्य कराई जाना चाहिए। कार्यक्रम में संबोधित करते हुए पद्मश्री . लीला जोशी ने एनीमिया को गंभीर लोक स्वास्थ्य समस्या बताया। उन्होंने कहा कि खासकर गर्भवती महिलाओं में गर्भावस्था के समय रक्त की जांच करना चाहिए तथा हीमोग्लोबिन कम होने की दशा में ब्लड ट्रांसफ्यूजन एवं आवश्यक उपचार की ओर ध्यान दिया जाना आवश्यक है।
इस दौरान प्रदेश के डिंडोरी से प्रसारित राज्य स्तरीय कार्यक्रम का प्रसारण देखा और सुना गया। जिला स्तरीय कार्यक्रम के दौरान लगभग डेढ़ सौ से अधिक विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग कर रक्त परीक्षण किया गया। सिकल सेल एनीमिया के वाहक मरीज को कार्ड प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि रतलाम जिले के ग्राम पंचायत स्तर पर भी राज्य स्तरीय कार्यक्रम का प्रसारण देखा और सुना गया तथा सिकल सेल एनीमिया के संभावित मरीजों की स्क्रीनिंग की गई। कार्यक्रम में लगभग 500 व्यक्तियों की सहभागिता रही। कार्यक्रम का संचालन आशीष दशोत्तर ने किया तथा आभार डॉक्टर रवि दिवेकर ने माना।