सरसों किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, न्यूनतम समर्थन मूल्य में 7000 रु पार
Mustard MSP Hike नमस्कार किसान भाइयों आज के संपूर्ण आर्टिकल में हम आपको बताएंगे सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में यदि किसी व्यापारी को सरसों खरीद करनी है तो उसे कम से कम ₹6000 प्रति क्विंटल से बोली शुरू करनी होगी आंदोलन की अगुवाई किसान पंचायत करेगा इसके लिए सुबह के सरसों पदक 21 जिलों में अभियान चलाया गया है इस सरसों सत्याग्रह का मकसद किसानों को व्यापारियों के शोषण से बचाना है कि पिछले साल राजस्थान के किस सरकारी बड़ा इंतजाम की वजह से एसपी से कम दाम पर सरसों बेचने पर मजबूर हो गए थे ऐसे में उन्होंने इस साल सरसों सत्याग्रह करके सबक सिखाने का फैसला लिया।
तिलहन फसलों में अहम स्थान रखने वाली सरसों की सरकारी खरीद की तैयारी शुरू हो गई है केंद्र सरकार ने रवि मार्केटिंग सीजन 2025 26 के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य₹5950 तय किया गया है इस बार सरकार ने इसकी एसपी में ₹300 प्रति क्विंटल का इजाफा किया है लेकिन इसकी खरीद को लेकर सबसे बड़े उत्पादक सुबह राजस्थान के किसानों के मन में कुछ सवाल है।
क्योंकि पिछले कई साल से खरीद में गड़बड़ी हो रही है खरीद का टारगेट नहीं पूरा हो रहा है जिसकी वजह से किसानों को अपनी उपज ओन – पोने दाम पर व्यापारियों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
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सरसों के भाव में बढ़ोतरी की मांग
हम आपको बता दें कि इस साल किसान महापंचायत ने राज्य के सहकारिता मंत्री को पत्र लिखकर हर किस से योजना 40 क्विंटल सरकारी खरीद करने की मांग की है अभी सरकार एक किस से एक दिन में सिर्फ 25 क्विंटल सरसों ही खरीदनी है जिसे किसानों को परेशान होना पड़ता है किसान महापंचायत ने सभी गांव में सरकारी समितियां को खरीद केंद्र बनाने की मांग की है ताकि किसानों को सरसों बेचने में दूर न जाना पड़े।
हम आपको बता दे की राजस्थान में सबसे बड़ा उत्पादक है यहां पर देश का 48% सरसों पैदा होता है केंद्र सरकार ने राज्य के कुल उत्पादन का काम से कम 25% तिलहन एसपी पर खरीदने का नियम बनाया हुआ है इसके बावजूद पिछले सीजन में राजस्थान में मुश्किल से 10 फ़ीसदी की सरसों खरीद इसकी वजह से किसानों को मजबूरी में व्यापारियों को औने – पौने दाम पर सरसों बेचने पड़ी तिलहन जैसी महत्वपूर्ण फसल होने के बावजूद किसानों को एमएसपी नहीं मिली।
सरसों की होगी सभी गांव में खरीदे
हम आपको बता दे की राजस्थान में किसान महापंचायत से जुड़े रामेश्वर प्रसाद चौधरी ने कहा की शुरुआत में प्रति किसान प्रतिदिन 25 क्विंटल खरीदी की जाएगी फिर किसानों के विरोध के बाद उसे 40 क्विंटल कर दिया जाता है ऐसे में हमारी मांग की शुरुआत से ही नियम बना दिया जाए ताकि किसानों को दिक्कत ना हो सरसों की खरीदारी बढ़ सके खरीद व्यवस्था हर ग्राम सेवा सहकारी समिति में की जाए ऐसा होगा तो किसान अधिक दूरी एवं लाइनों में लगने की परेशानी से बच कर पाएंगे इससे किसानों के खर्चे में कमी भी आएगी ग्राम सेवा सहकारी समितियां करोड़ का अल्पकालीन ऋण बांटने के साथ-साथ खाज बी और कीटनाशक का भी वितरण करती आ रही है।