साहित्य महोत्सव सीतामऊ में रंगारंग कार्यक्रम के साथ शुरुआत राष्ट्रीय स्तर पर होगी पहचान

साहित्य महोत्सव सीतामऊ में रंगारंग कार्यक्रम के साथ शुरुआत मुख्य अतिथि का आना सुरू साहित्य महोत्सव से मंदसौर का पर्यटन नक्शा देश के सामने उभर कर आएगा आइए जानते है खबर

सीतामऊ साहित्य महोत्सव का जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने नट नागर शोध संस्थान पैलेस गार्डन में शुभारंभ किया सीतामऊ में तीन दिवसीय सीतामऊ साहित्य महोत्सव का शुभारंभ प्रातः 10:30 बजे नट नागर शोध संस्थान पैलेस गार्डन में केन्‍द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (वर्चुअल माध्यम से), प्रभारी मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया, सांसद श्री सुधीर गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती दुर्गा विजय पाटीदार, विधायक श्री हरदीप सिंह डंग डंग, पूर्व मंत्री श्री कैलाश चावला, पूर्व विधायक श्री यशपाल सिंह सिसोदिया, अन्य जनप्रतिनिधियों, कलेक्टर श्रीमती अदिती गर्ग, प्रशासनिक अधिकारियों ने सीतामऊ साहित्य महोत्सव का शुभारंभ किया। साहित्य महोत्सव 1 फरवरी तक चलेगा। अपनी साहित्यिक विरासत को लेकर प्रसिद्ध छोटी काशी नगरी सीतामऊ अपनी वैभवशाली संस्कृति का गान करेगी। शुभारंभ अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती मनु प्रिया विनीत यादव, नगर परिषद अध्यक्ष श्री मनोज शुक्ला, गरोठ नगर परिषद अध्यक्ष श्री सेठिया, अनील पांडे सहित अन्य सभी जनप्रतिनिधि, सीतामऊ एसडीएम श्रीमती शिवानी गर्ग अन्य सभी प्रशासनिक अधिकारी, बड़ी संख्या में वक्ता, विद्यार्थी, पत्रकार मौजूद थे।

इस अवसर पर केन्‍द्रीय मंत्री श्री गजेन्‍द्र सिंह शेखावत वर्चुअल माध्यम से जुड़े तथा कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सभी को अपना संबोधन प्रदान किया। संबोधन देते हुए उन्होंने कहा कि भारत साहित्य की दृष्टि से समृद्ध राष्ट्र हैं। भारत की विराट संस्कृत में अनेक परंपरा है। हमारा वर्षों का लिखित इतिहास है। भारत से ईर्ष्या रखने वालों ने नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को जलाया। लेखन की परंपरा को बाधित किया। लेकिन फिर से लिखित परंपराओं का सृजन हुआ। कलम के धनी लेखकों ने भारत को सन्मार्ग दिया। भारत की संस्कृति हजारों साल पथ प्रदर्शन करती रहेगी। रामचरितमानस ने सनातन परंपरा को निरंतर बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया। सनातन की परंपरा को अक्षुण्ण बनाया। आजादी को दिशा प्रदान की। हमारा भारत का 3 हजार साल से पुराना लिखित इतिहास है। कुंभ भारतीय को भारतीयता प्रदान करती है। पवित्र और ऊर्जावान धरती पर यह आयोजन हो रहा है। साहित्यकारों को इस आयोजन से एक प्रेरणा मिलेगी। सभी इस साहित्य सृजन में जुटे।

बीजेपी प्रभारी मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने संबोधन देते हुए कहा कि साहित्य महोत्सव इतिहास, साहित्य और पर्यावरण का अनुपम संगम है। मंदसौर इतिहास की धरोहर है। पुरातत्व की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस महोत्सव से सभी कुछ न कुछ सीख कर जाएंगे। सभी को ज्ञान और अनुभव मिलेगा।
साहित्य, इतिहास, कला, पर्यावरण आदि क्षेत्र से जुड़ी देश की जानी मानी हस्तियों की उपस्थिति में आयोजन हो रहा है। इसका सभी लाभ ले। विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत देश की प्रमुख हस्तियां इसमें शामिल हों रही है। यह महोत्सव ज्ञान का सागर है।

मंदसौर क्षेत्र के सांसद श्री सुधीर गुप्ता द्वारा कहा गया कि मंदसौर की धरा पर हर पग पग पर वैभव संस्कृति है। विश्व का पहला लिखित विज्ञापन मंदसौर सूर्य मंदिर की शिला पर लिखा हुआ है। मंदसौर इतिहास और संस्कृति का अद्भुत क्षेत्र है। यहां पुरातत्व की दृष्टि से भी बहुत ही महत्वपूर्ण स्थल है। धमनार में बौद्ध गुफाएं, धर्मराजेश्वर मंदिर क्षेत्र को प्रदेश और देश से अलग पहचान देता है। क्षेत्र को स्वदेश दर्शन सर्किट से जोड़ा गया है। 30 करोड रुपए की लागत से शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है। साहित्य महोत्सव से मंदसौर, सीतामऊ क्षेत्र के साहित्य को जानने, पहचानने, अनुभव करने का एक महत्वपूर्ण अवसर मिला है।

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आज बता दे की विधायक हरदीप सिंह डंग द्वारा कहा गया कि छोटी काशी की पहचान पूरे प्रदेश के साथ-साथ अब देश में भी बनेगी। साहित्य वह है जिसमें सबका हित हो, साहित्य वह दर्पण है, जो हमें सिखाता है। सही क्या है और गलत क्या है। नट नागर शोध संस्थान में एशिया की सबसे बड़ी पुस्तकालय हैं। जहां पर 6 हजार पांडुलिपिया हैं। साहित्य मानसिक विकास बढ़ाने का काम करता है। साहित्य संस्कृति संरक्षण करने का काम करता है।

भाइयों और बहनों कलेक्टर श्रीमती गर्ग द्वारा कहा गया कि सीतामऊ साहित्य महोत्सव के माध्यम से मंदसौर के पर्यटन का नक्शा देश के सामने उभर कर आएगा। तीन दिवसीय आयोजन के माध्यम से मंदसौर का इतिहास और संस्कृति को जानने का अवसर मिलेगा। पशुपतिनाथ मंदिर, शैल चित्र, धर्मेराजेश्वर मंदिर, इतिहास, पर्यावरण का मंदसौर महासंगम है। मंदसौर के पर्यटन को समझना है तो यहां आकर रहे, उसे देखे। व्यक्ति को यहां पर रुकना चाहिए। उसका अनुभव करना चाहिए। मंदसौर, सीतामऊ के साहित्य और इतिहास को जानने व समझने का एक मंच दिया गया है। इसके माध्यम से मंदसौर पर्यटन का नक्शा देश के सामने उभर कर आएगा।

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मित्रो कार्यक्रम के दौरान शहीद दिवस पर शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखा गया। तत्पश्चात प्रभारी मंत्री और जनप्रतिनिधियों ने साहित्य महोत्सव में लगाई गई फोटो गैलरी का अवलोकन किया। साथ ही सिक्कों की प्रदर्शनी, साहित्य की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उसके पश्चात नट नागर शोध संस्थान में स्थापित लाइब्रेरी का अवलोकन किया खबर को शेयर करे।

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