सरसों का भविष्य 2025: इस साल सरसों ने रचा नया इतिहास, हो गया 8000 रु पार
सरसों का भविष्य 2025: भारत देश कृषि प्रधान देश है भारत देश में सबसे ज्यादा किसानों द्वारा खेती की जाती है किसान कई प्रकार की खेती करते हैं तथा भारत में खेती अलग-अलग राज्यों के हिसाब से होती है लेकिन मालवा क्षेत्र में सबसे ज्यादा गेहूं सरसों सोयाबीन लहसुन प्याज की खेती की जाती है। सरसों उत्पादन प्रमुख राज्यों की मंदिरों में सरसों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एसपी से ऊपर देखने को मिल रहे हैं
हम आपको बता दें कि सरसों के भाव में तेजी के रुख से यह आशा की जा रही है कि इस बार किसानों को सरसों का भाव अच्छा मिलने वाला है।
आई आज हम इस आर्टिकल में देशभर की टॉप मंदिरों में अभी सरसों का भाव किस प्रकार चल रहा है वह बताते हैं।
बीते कुछ समय में सरसों के भाव स्थिर बने हुए थे जिससे किसान चिंतित हो गए थे इस बार क्या पता सरसों की कीमतों में कमी ना हो जाए जिससे उन्हें नुकसान हो जाए।
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लेकिन नए साल की शुरुआती महीने में ही सरसों के भाव में चमक देखने को मिली है जो कि किसानों के लिए अच्छा संकेत है यदि बाजार एक्सपर्ट्स की माने तो इस बार किसानों को सरसों के भाव बेहतर मिलने वाले हैं।
और एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार सरसों के भाव एमएसपी रेट से ऊपर रहेंगे हालांकि भावो में थोड़ा बहुत उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है लेकिन भाव एसपी से तो ऊपर ही रहेंगे।
मध्य प्रदेश के मंदसौर मंडी में सरसों का भाव 5660 प्रति क्विंटल है माही मध्य प्रदेश की सतना मंडी में सरसों का भाव 5915 रुपए प्रति क्विंटल है।
कर्नाटक के बेंगलुरु मंडी में सरसों का भाव 7300 प्रति क्विंटल है।
माही महाराष्ट्र की मुंबई में सरसों का भाव 7200 प्रति क्विंटलहै।
बस इसी तरह सभी टॉप मंडियों में सरसों का भाव लगभग 6000 से 7000 के बीच में रहेगा।