wheat export scheme:- मध्य प्रदेश किसानों के लिए बड़ी खबर , विदेशों में बिकेगा गेहूं होगा ज्यादा मुनाफा
मध्य प्रदेश की बड़ी खबर आ रही है सामने किसानों के लिए खुशखबरी मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बना रखी है। कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है वहीं प्रदेश की मंडियों में हाईटेक बनाए जा रहे हैं।
हम आपको बता दे की नई साल में अप्रैल 2025 में प्रदेश की सभी मंडियां हाईटेक हो जाएगी अभी तक प्रदेश की एक क्लास एवं बी क्लास की 83 मांड्या हाईटेक हो चुकी है
हम आपको बता दे की दूसरी और किसानों को अपनी उपज का अच्छा भाव मिले इसके लिए भारत सरकार ने किसानों की फसल को डायरेक्ट किसानों के द्वारा ही विदेश में बेचने की योजना का काम किया है।
और सरकार का उद्देश्य है कि किस ज्यादा से ज्यादा अपनी फसलों का मुनाफा कमा सके किसान स्वयं अपने उपज को विदेश तक दे सकता है इसलिए सरकार सर्वप्रथम मंडियों का हाईटेक कर रही है।
मध्य प्रदेश सरकार सबसे ज्यादा गेहूं की फसल को लेकर काम कर रही है मालवा के गेहूं की विदेश में अच्छी मांग है विदेश में किसानों द्वारा अपनी उपज को निर्यात करने के लिए योजना पर काम किया जा रहा है आईए जानते हैं की मंडी बोर्ड की इस बड़ी योजना के बारे में
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को अच्छी मुनाफा का बेहद ही अच्छा अवसर दिया है अब किसान अपने उपज को देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी बेचकर मुनाफा कमा सकता है मध्य प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड एक बड़ी योजना पर काम कर रही है।
हम आपको बता दें की कृषि मंत्री के के अनुसार उपज का ग्रेडिंग अगर किस कर लेंगे तो क्वालिटी अनुसार अपना गेहूं देश के अलावा विदेश में भेज कर सीधा लाभ कमा सकते हैं मंडी बोर्ड साथ एक स्क्रीन प्लांट प्रदेश की कृषि उपज मंडी में लगाने के लिए काम कर रहा है ।
हम आपको बता दे कि अब तक निजी क्षेत्र में ग्रेडिंग प्लांट डेड से 2 करोड रुपए की लागत वाले लगे हुए हैं इसमें सिंपल और कलर प्लांट से गेहूं अलग-अलग क्वालिटी वाला निकलता है फर्स्ट सेकंड और थर्ड तीन छलने लगे हैं।
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हम आपको बता दे की उज्जैन क्षेत्र के लोक वन गेहूं की मांग देश में ही नहीं विदेश में भी सबसे ज्यादा रहती है।
अभी तक किसानों को कृषि उपज का भुगतान विक्रय दिनांक को ही किया जा रहा है 2 लाख से कम नगद राशि और 2 लाख है या इससे अधिक भुगतान की राशि आरटीजीएस के माध्यम से की जाती है।
मध्य प्रदेश मंडी अधिनियम की धारा 7 और 2 और 11 का उपयोग विधि चंडिका 18 लाइसेंस की शर्त के अनुसार एक दिन की अधिकतम खरीदी पर प्राप्त प्रतिभूति राशि का प्रावधान है प्रदेश की कृषि उपज मंडी में गारंटी राशि अर्थात प्रतिभूति सामूहिक व्यापारिक संघ द्वारा और व्यक्तिगत प्रतिभूति भी होती है।
ऐसे में हम आपको बता दें कि किस ने मंडी में अनुबंध नीलामी से उपजी भेजी और उसका भुगतान 24 घंटे में नहीं किया तो मंडी प्रशासन एक्शन लेकर खरीदी करने वाले कारोबारी को भुगतान राशि और उसे दिन का ब्याज भी किसान को दिलवाया जाता है।
व्यापारी का काम खरीदार व्यापारी के लाइसेंस चेक कर खरीदी क्षमता पर कड़ी नजर रखने के निर्देश में अब इस प्रकार के कार्य करने के लिए मंडी दर मंडी सेक्टर प्रभारी बनाए गए इससे 24 घंटे अपडेट में खरीदार की प्रतिभूति खरीदी जा रही उपज पर निगरानी रख रहे हैं यह किसान हित में शासन का पहला महत्वपूर्ण कदम बताया जा रहा है।